" सपथ ली है "
भारत को देखो यह देश है कैसा ,
इसमें नीति है यह देश है ऐसा |
जब तक गाँधी जी की साँस थी ,
तब तक भारत को आज़ाद कराया |
भारत में जब अंग्रेज़ थे ,
तो यह भारत बंधी था |
जब गाँधी जी भारत में आए ,
तो भारत को आज़ाद कराया |
लोग आज़ादी का सपना देखते थे ,
नए सपने सजाने की कोशिश करते थे |
देश के वीर जवानों ने क़ुरबानी दी है ,
हमने देश को स्वच्छ बनना की सपथ ली है |
कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | प्रांजुल को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | कक्षा 4 से कवितायेँ लिखना शुरू कर दिया था | बड़े होकर एक इंजीनियर बनना चाहते हैं | प्रांजुल छोटे बच्चों की बहुत मदद करते हैं |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें