" छुट्टियों के दिन "
छुट्टी का दिन आया है,
मस्ती लेकर आया है |
दिन में करेंगें खूब मस्ती ,
घूमेंगे अपने गांव की बस्ती |
स्कूल की छुट्टियाँ अब हो गया,
मुन्ना राजा कब सो गया |
गर्मी भी तो जाती है,
छुट्टी को साथ ले जाती है |
तब स्कूल भी खुल जाएंगें,
और हम पढ़ाई में बंध जाएंगें |
कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और अपना घर में रहकर कक्षा 9 की पढाई कर रहे हैं | प्रांजुल जब कक्षा 4 में थे तभी से कवितायेँ लिखनी शुरू कर दी थी और आज वह एक अच्छे कविकार बन गए हैं | प्रांजुल एक इंजीनियर बनना चाहते हैं |
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