कविता - कर देगे हमको बदनाम
आये व्यापारी चार ,
समान लाये आठ ......
गये वे बाजार ,
व्यापारी गये रूठ.....
मीच के वे आँख ,
पीटने लगे वे ढोल....
हल्ला सुनकर आये चोर,
ले गये समान ......
वे गये थाने ,
बोले हजूर लुट गये हम.......
इतने में आये थाना इनचार्ज,
बोले क्या हुआ यार .......
ले आओ डंडे चार ,
कर दो इनको बे हाल........
जा न पाये अपने यहाँ ,
मर जाये यही यार ......
क्योकि हम हैं चोर यार,
नहीं कर देगे हमको बदनाम ........
आये व्यापारी चार ,
समान लाये आठ ......
गये वे बाजार ,
व्यापारी गये रूठ.....
मीच के वे आँख ,
पीटने लगे वे ढोल....
हल्ला सुनकर आये चोर,
ले गये समान ......
वे गये थाने ,
बोले हजूर लुट गये हम.......
इतने में आये थाना इनचार्ज,
बोले क्या हुआ यार .......
ले आओ डंडे चार ,
कर दो इनको बे हाल........
जा न पाये अपने यहाँ ,
मर जाये यही यार ......
क्योकि हम हैं चोर यार,
नहीं कर देगे हमको बदनाम ........
लेखक - अशोक कुमार
कक्षा - 9 अपना घर , कानपुर
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