सोमवार, 10 अक्टूबर 2011

कविता : सूरज

सूरज 
 
ऊपर उठ आया,
ले रोशनी की भरमार....
सारी रात इंतजार किया,
अब आ छाया सब के सिर पर.....
जिसने दिया इस धरती को जीवन,
दिखला सबसे अपनापन.....
नाम तो आपको पता ही होगा,
उसके बिन जीवन जीना असंभव होगा.....
उससे ही है इस धरती पर हलचल,
नाम है जिसका सूर्य चंचल.....   

लेखक : आशीष कुमार 
कक्षा : 9 
अपना घर