सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

कविता : पर्यावरण

 कविता 

पर्यावरण हो रहा है बहुत प्रदूषित,
है मौक़ा अभी मत करो दूषित ......
पेड़-पौधों से तुम जोड़ो नाता ,
जो हम सबके कम है आता ......
बड़ी-बड़ी ये फैक्ट्रियों को करो बंद,
पर्यावरण को अपने तुम रखो स्वच्छंद.....
पेड़-पौधे है हमको खूब लगाना,
इस धरती से है प्रदूषण भगाना.....
सडको पर ये दौड़ती हैं गाड़ियाँ,
हैं फैलाती प्रदूषण, भर के सवारियाँ.....
मेरा सबसे बस यही है कहना ,
पर्यावरण न तुम प्रदूषित रखना.....   

लेखक : धर्मेन्द्र कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर  

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