इस धरती पर जिसने जन्म लिया
उसकी है एक अमूल्य कहानी
नहीं किसी ने गौर किया है
अपनी जीवन की कहानी को
सोच-सोच के न जाने कितने
सपने रखे थे उसने अपने मन में
नहीं किसी की वो सुनता था
करता था अपनी मनमानी
क्योंकि ओ था एक बच्चा
कर दी उसने अपनी नादानी
जब आयी उसकी जिम्मेदारी
हुई उसको बड़ी परेशानी
जब सोचा उसने अपनी कहानी
गिर पड़ा वह भूमि पर
दोबारा नहीं उठा वह बेचारा
हो गया खुदा को प्यारा
लेख़क :अशोक कुमार ,कक्षा-७
अपना घर
अपना घर
3 टिप्पणियां:
बहुत अच्छा पोस्ट !
ग्राम-चौपाल में पढ़ें...........
"अनाड़ी ब्लोगर का शतकीय पोस्ट" http://www.ashokbajaj.com/
बहुत ही ज्ञानवर्धक पोस्ट है!
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आपकी पोस्ट को बाल चर्चा मंच में लिया गया है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/10/24.html
कितनी सुंदर कविता ..... मुझे तो बहुत पसंद आई
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