शनिवार, 24 जुलाई 2010

कविता : एक था राजा

एक था राजा.....

एक था शक्तिशाली राजा
वह बजाता था सबका बाजा
प्रजाओं का रखता था ख्याल
लेता था सबका हाल-चाल
वह राजा हरदम जाता था ननिहाल
उसके राज्य में था सुन्दर सा ताल
राजा का सबके प्रति अच्छा था व्यवहार
सबके साथ मिलकर मनाता था त्यौहार॥
एक था शक्तिशाली राजा
वह बजाता था सबका बाजा
एक बार युध्द हुआ घमासान
राजा युध्द जीतकर हुआ महान
राजा सभी से करता था प्यार
नहीं करता गरीबों पर अत्याचार
और उसका अच्छा था शासनकाल
उसके राज में कभी पड़ा आकाल
एक था शक्तिशाली राजा
वह बजाता था सबका बाजा


लेखक : मुकेश कुमार, कक्षा , अपना घर

1 टिप्पणी:

nilesh mathur ने कहा…

बहुत सुन्दर!