बरसात का मौसम आया ।
काले-सफेद बादल लाया ॥
पानी की बूंदे गिरती टप-टप-टप ।
बच्चे पानी में फिरते छ्प-छ्प-छ्प ॥
झूम-झूमकर हर डाली गाती ।
ठन्डी-ठन्डी हवा सबके मन को भाती ॥
मेढ़क करता टर्र-टर्र-टर्र ।
मोटर गाड़ी करती भर्र-भर्र-भर्र ॥
कोयल गाती सब मुस्काते ।
हरे-हरे खेत लहराते ॥
खेतों में ट्रैक्टर चलते ।
किसान जौ,makke के बीज बोते ॥
लेखक :आशीष कुमार
कक्षा :८
अपना घर
कक्षा :८
अपना घर
1 टिप्पणी:
झूम-झूमकर हर डाली गाती ।
ठन्डी-ठन्डी हवा सबके मन को भाती
"बरसात का मौसम ऐसा ही सुहावना होता है सुन्दर कविता"
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