बादल आये बादल आये ।
काले-काले बादल आये ॥
काली-काली आंधी आती ।
बरसे पानी भर आते खेत ॥
मेढक बोलते टर्र-टर्र ।
पेड़ो पर बूंदे पड़ती झम-झम-झम ॥
फल गिरते टप-टप-टप ।
घर में जब पानी भर आता ॥
घर वाले हो जाते परेशान ।
इसलिय बोलती है हमारी नानी ॥
बंद हो जाए ये पानी ।
मुझे न कर इतनी परेशानी ॥
बादल आये बादल आये ।
काले-काले बादल आये ॥
लेखक :जितेन्द्र कुमार
कक्षा :८
अपना घर
कक्षा :८
अपना घर
4 टिप्पणियां:
इन बदलो का इन्तजार तो सबको है बच्चो........प्यारी कविता
very nice poem
आपकी सुन्दर पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है!
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http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/06/3.html
बहुत सुन्दर व प्यारी कविता..बधाई.
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