शनिवार, 12 अप्रैल 2025

कविता : " समुद्र की लहरे "

" समुद्र की लहरे  "
वो समुन्द्र का किनारा ,
लगे आसमा जैसा प्यारा। 
लहरे तेजी से आती है और जाती है। 
लोगो के मन को भाती है। 
और लोगो भी पानी के लहरे में ,
सब स्नान कर कर आते है 
ये लहरे मन को खुश कर जाती है। 
 लहरे आती है और जाती है। 
लोगो के मन को भाटी है। 
वो समुद्र का किनारा ,
लगे आसमा जैसा प्यारा। 
कवि : अजय कुमार, कक्षा : 6th, 
अपना घर