" रंगों की होली "
होली है रंगों का त्यौहार,
बच कर रहना मेरे यार |
अबीर -गुलाल लगा रहे हैं,
अच्छा - अच्छा खिला रहे हैं |
सबको रंग लगा रहे हैं
उड़ रहा है रंगों का फौवार,
ख़ुशी से मना रहे हैं त्योहार |
गीले पड़ें हैं सारे रास्ते,
कैसे चलूँ किसी के वास्ते |
पापड़ों में भी है अलग स्वाद,
यही है रंगों का त्यौहार मेरे यार |
होली है रंगों का त्यौहार,
बच कर रहना मेरे यार |
कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
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