कुछ काम करो
इस बार ठण्ड का आया मौसम ।
जिससे की सारा शहर गया सहम ।।
तूने न पहचाना , यह है तेरा भ्रम ।
सर्दी मे भी बोले हर -हर गंगे हम ।।
सूरज न दिखता ,यह है तेरा है भ्रम ।
सर्दी में कोहरे का दिखता कोहराम ।।
सुन लो बच्चो , सुन लो तुम ।।
छुट्टी मे कर लो आराम ।
इतना भी न करना आराम ।।
किन कोई जन दे तुमको एक भी काम ।
कुछ काम करो और बन जाओ शाबाशी के लायक ।
जिससे कोई न कह पाए मक्कार , निकम्मा नालायक ।।
इस बार ठण्ड का आया मौसम ।
जिससे की सारा शहर गया सहम ।।
तूने न पहचाना , यह है तेरा भ्रम ।
सर्दी मे भी बोले हर -हर गंगे हम ।।
सूरज न दिखता ,यह है तेरा है भ्रम ।
सर्दी में कोहरे का दिखता कोहराम ।।
सुन लो बच्चो , सुन लो तुम ।।
छुट्टी मे कर लो आराम ।
इतना भी न करना आराम ।।
किन कोई जन दे तुमको एक भी काम ।
कुछ काम करो और बन जाओ शाबाशी के लायक ।
जिससे कोई न कह पाए मक्कार , निकम्मा नालायक ।।
नाम : आशीष कुमार
कक्षा : 10
अपना घर ,कानपुर
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