मंगलवार, 8 जनवरी 2013

शीर्षक : चोर

      चोर 
चार चोर की हुई सगाई ।
चारो थे आपस में भाई ।।
चारो एक दिन आये पास ।
ये आपस में थे उदास ।।
एक चोर ने एक बात बताई ।
बोल घर का खर्चा नहीं चलता भाई ।।
चारो हुए एक रात इकठ्ठा ।
बांध कर लाये अपना -अपना गट्ठा ।।
गट्ठे में भरा था  सामान।
रात में उनको दिखने लगा आसमान ।।
रात मे निकले अपने - अपने घर ।
रास्ते मे पुलिस चारो को लिया धर ।।
हो गया उन चोरों का खुलासा ।
टूट गई उनकी घर जाने की आशा ।।
नाम : ज्ञान कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर ,कानपुर 

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