''बच्ची ''
वह ममता की कोमल ,
कमल की चमेली , +
माता ,पिता की ,
वह अकेली ।
वन सुन्दर एक राजकुमारी थी ।।
वह सरजमी की ममता ,
वह अनंत की झोली ।
वह हिम जैसी सफेदी ,
वह सरिता झरना की उद्गम झोली ।
वह सुन्दर एक राजकुमारी थी ।।
वह बड़े जोर से हँसती थी ।
वह सारे सरगम गा चुकी थी ,
वह दिनकर का उद्गम खोल चुकी थी ।
वह ममता की कोमल ,
कमल की चमेली ,
माता ,पिता की ,
वह अकेली ।
वह सुन्दर एक राजकुमारी थी ।।
वह ममता की कोमल ,
कमल की चमेली , +
माता ,पिता की ,
वह अकेली ।
वन सुन्दर एक राजकुमारी थी ।।
वह सरजमी की ममता ,
वह अनंत की झोली ।
वह हिम जैसी सफेदी ,
वह सरिता झरना की उद्गम झोली ।
वह सुन्दर एक राजकुमारी थी ।।
वह बड़े जोर से हँसती थी ।
वह सारे सरगम गा चुकी थी ,
वह दिनकर का उद्गम खोल चुकी थी ।
वह ममता की कोमल ,
कमल की चमेली ,
माता ,पिता की ,
वह अकेली ।
वह सुन्दर एक राजकुमारी थी ।।
नाम :अशोक कुमार
कक्षा : 10
अपना घर ,कानपुर
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