'' चिड़िया का बचपन ''
बचपन में मेरे आँगन में ।
एक चिड़िया आती थी ।
आँगन में बिखरे दानों को ।।
चुन - चुन कर खाती थी ।
बस ची -ची शोर मचाती थी ।।
बच्चा बोल मम्मी से ।
अम्मा आटे की बना के गोली ।।
दाना रोज चुगाती थी ।
यह भी चिड़िया भूखी है ।।
यह चोच फैलाकर आती है ।
मजबूरी है चिड़िया की ।।
वह दाना चुराकर लाती है ।
बछो के खातिर चिड़िया रानी ।
दाना लेकर आती है ।
डाला दाना चूजे के मुँह मे ,
वह मन ही मन मुस्काती है ।।
बचपन में मेरे आँगन में ।
एक चिड़िया आती थी ।
आँगन में बिखरे दानों को ।।
चुन - चुन कर खाती थी ।
बस ची -ची शोर मचाती थी ।।
बच्चा बोल मम्मी से ।
अम्मा आटे की बना के गोली ।।
दाना रोज चुगाती थी ।
यह भी चिड़िया भूखी है ।।
यह चोच फैलाकर आती है ।
मजबूरी है चिड़िया की ।।
वह दाना चुराकर लाती है ।
बछो के खातिर चिड़िया रानी ।
दाना लेकर आती है ।
डाला दाना चूजे के मुँह मे ,
वह मन ही मन मुस्काती है ।।
नाम : जीतेन्द्र कुमार
कक्षा : 9
अपना घर ,कानपुर
1 टिप्पणी:
प्यारी कविता
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