शुक्रवार, 23 सितंबर 2011

कविता - मकसद एक हैं

मकसद एक हैं
इस दुनिया में हैं फूल अनेको रंग के ,
लेकिन इसका मकसद हैं सिर्फ एक ......
इस जग को हरपल महकाते रहना,
क्यों न हो इनके रंग अनेक ......
इस कमल को देखो जो कि ,
कीचड़ में भी हैं उग आता ......
इतना सुन्दर होता हैं ये ,
अपनी सुन्दरता पर नहीं ये इठलाता ......
इस तरह मकसद कई हैं इस दुनिया में ,
उनका भी हो सिर्फ एक मकसद ......
लोगो को रखना हैं खुश ,
तभी होगा जीवन सफल ......

लेख़क  -धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा - ९ अपना घर, कानपुर

3 टिप्‍पणियां:

रुनझुन ने कहा…

बहुत सुन्दर कविता...कीचड में खिलकर, काँटों में रहकर भी फूल मुस्कुराते हुए प्यार और खुशी का सन्देश देते हैं...

Unknown ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना प्रेरक सन्देश देती ..शुभकामनाएं !!

कविता रावत ने कहा…

bahut badiya rachna..