कितना पानी शेष बचा है ।
कोई नहीं इसे जाँचता है ॥
भारत में बहुत भारत वासी हैं ।
उसमें आधी जनता अभी भी प्यासी है ॥
मानव का जीवन है पानी ।
हम सब बर्बाद न करें एक भी पानी॥
आओ हम सब मिलकर कर पानी को बचाएं।
व्यर्थ न कर इसको और बढायें ॥
इसे बचाएं हम भारत वासी मिलकर ।
पानी बर्बाद न होने दें जीवन समझकर ॥
पानी है सबका जीवन साथी ।
पानी को बचाओ ,नहीं मर जायेगें सब एक दिन ॥
लेखक : आशीष कुमार
कक्षा : ७
अपना घर
कक्षा : ७
अपना घर
3 टिप्पणियां:
वाह!! आशीष..अच्छा संदेश दिया है बेटा.
सुन्दर कविता...सार्थक सन्देश...बधाई.
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'पाखी की दुनिया' में मेरी ड्राइंग देखें...
पानी के साथ , बाघ , गौरैया , घरियाल , गंगा डोल्फिन , गीध और कई चीजे भी तो बचानी है
http://madhavrai.blogspot.com/
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