एक दिन मैंने देखा था ,
आसमान में कई रंग मिले थे....
लाल गुलाबी पीले आसमानी,
इन सब रंगों में से था....
लाल रंग बड़ा अभिमानी,
अपने को बड़ा दिलदार समझता....
बाकी को फुट पात समझता,
एक दिन जब बादल ने गरजा....
सब रंगों में तब हो गयी लड़ाई,
तब नहीं रहा कोई किसी का भई....
बादल ने जब बरसाया पानी,
सब रगों की हो गयी हैरानी....
एक दिन मैंने देखा था,
आसमान में कई रंग मिले थे....
लेखक ज्ञान कक्षा ६ अपना घर कानपुर
2 टिप्पणियां:
बहुत भावमयी रचना
बहुत बढ़िया!
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