देखों क्या है ए दुनियाँ ,
सब कोई मनमानी करते दुनियाँ में....
सब कोई रहते दुनियाँ में,
दुनियाँ में से कोई चले जाते हैं....
दुनियाँ का नाम लेकर रह जाते हैं,
दुनियाँ हैं देखो कितनी बड़ी....
आदिमानव ने नहीं पहनी कभी घड़ी,
दोखो क्या हैं ए दुनियाँ .....
लेखक चन्दन कुमार कक्षा ४ अपना घर कानपुर
2 टिप्पणियां:
बच्चे ने अच्छी दूर दृष्टि अपनायी है
आशीर्वाद
दुनिया बड़ी है पर इसे प्यार से छोटी कर सकते है
http://madhavrai.blogspot.com/
http://qsba.blogspot.com/
एक टिप्पणी भेजें