शनिवार, 10 अप्रैल 2010

कविता सारे आम गिरे तोते के शोर से

सारे आम गिरे तोते के शोर से
हरी डाल पर बैठा तोता ,
हमने देखा वह पका आम खता.....
मै नीचे बैठा वह ऊपर बैठा,
उस आम के लिए मै एठा......
मै बैठा सोचू कि यह आम मुझे ही मिले,
इसका रस मेरे पेट में जाकर टहले.....
बार बार तोता मेरी ओर देखता ,
मुझे देखकर ठाँव ठाँव कर गता......
तब तक आम गिरा वह नीचे,
उसे उठाने दौड़ा मैं उसके पीछे......
जैसे ही उसको पाया धुल कर मैं ने खाया ,
उसको खाने में बड़ा मजा आया.....
तब तक तोता रोया इतनी जोर से,
पेड़ के सारे आम गिरे उसके इस शोर से .....
सारे आमो को हमने उठाया,
फिर जाकर घर में सबके साथ में खाया......
लेखक आशीष कुमार कक्षा अपना घर

2 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया!

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत---।