बाल सजग
बच्चों का आकाश .... बच्चों के लिए
मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010
कविता: चिड़िया के घोसले में अंडा
चिड़िया
के
घोसले
में
अंडा
एक दिन मैंने देखा था ,
चिड़ियों के घोसले में अंडा था ।
उस अंडे में बच्चे थे,
बच्चे सबसे अच्छे थे।
चिड़िया जब जब आती थी ,
बच्चों के मुहं में दाना दे जाती थी ।
बच्चे अच्छे से खाते
थे ,
घोसले में मौज उड़ाते थे ।
लेखक: ज्ञान कुमार, कक्षा ६, अपना घर
1 टिप्पणी:
Aman
ने कहा…
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9 फ़रवरी 2010 को 5:19 pm बजे
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