सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

कहानी : कौआ और बन्दर की दोस्ती

कौआ और बन्दर की दोस्ती

एक समय की बात है, कि एक काला कौआ एक आम के पेड़ पर जाकर बैठ जाता है, वह अपने काले बदसूरत रंगको देखकर अपने आप को काला कह रहा था थोड़ी देर बाद वहीं पर एक बड़ा सा बन्दर आया उसने कौए की हालत देखकर कहा दुखी क्यों होते हो भाई ईश्वर ने जब तुम्हें ऐसा रंग दिया है , तो उसमें तुम्हारा क्या दोष इतनी बात कहने के बाद बन्दर ने पके -पके आम तोड़े और एक कौआ को दिया और एक उसने ले लिया दोनों ने जमकर आम खाए, अब कौआ बहुत खुश था, क्योंकि अब उसे अपने काले रंग का दुःख नहीं था, और उसे एक अच्छा दोस्त भी मिल गया था

लेखक -आशीष , कक्षा - , अपना घर

4 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

बहुत अच्छी पोस्ट........बधाई !

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छी कथा.

ankit ने कहा…

very very good

बेनामी ने कहा…

nais इटीरी