शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

कविता पर्यावण

विता पर्यावरण
आओं प्यारे भाई आओं |
मिलकर पर्यावरण बचाओ....
स्वास्थ्य अपना देश बनाओ|
दुनिया में देश क नाम करों....
अगर पर्यावरण प्रदूषित होता रहेगा|
दुनिया कोई नहीं बचेगा.....
प्रथ्वी का अंत हो जायेगा|
आओं प्यारे भाई आओं....
मिलकर पर्यावरण बचाओ|
पौधों को खूब लगाओ....
शुध्द आक्सीजन पाओ|
जल परिवर्तन जब आयेगा....
कार्बन को भगा जायेगा |
आओं प्यारे भाई आओं....
मिलकर पर्यावरण बचाओ|
लेखक मुकेश कुमार कक्षा ८ अपना घर कानपुर

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