कंप्यूटर भाई
कंप्यूटर भाई कंप्यूटर भाई।
तुम क्यो होतो हो हमसे गुस्सा॥
गुस्सा तुमको अब नही करना है।
हमारा काम अब तुमको करना है॥
कंप्यूटर भाई कंप्यूटर भाई।
तुम कहाँ चले गए॥
बिजली गई तो तुम भी गए।
मेरा काम अधूरा छोड़ गए॥
तुम्हारे सहारे सब काम चल रहा है।
तुम ही हो मेरे काम के साथी॥
अब साथ- साथ तुम्हे रहना है।
अब मेरा काम भी करना है॥
कंप्यूटर भाई कंप्यूटर भाई।
तुम क्यो होतो हो हमसे गुस्सा॥
कंप्यूटर भाई कंप्यूटर भाई।
तुम क्यो होतो हो हमसे गुस्सा॥
गुस्सा तुमको अब नही करना है।
हमारा काम अब तुमको करना है॥
कंप्यूटर भाई कंप्यूटर भाई।
तुम कहाँ चले गए॥
बिजली गई तो तुम भी गए।
मेरा काम अधूरा छोड़ गए॥
तुम्हारे सहारे सब काम चल रहा है।
तुम ही हो मेरे काम के साथी॥
अब साथ- साथ तुम्हे रहना है।
अब मेरा काम भी करना है॥
कंप्यूटर भाई कंप्यूटर भाई।
तुम क्यो होतो हो हमसे गुस्सा॥
कविता: सागर कुमार , कक्षा 5, अपना घर
3 टिप्पणियां:
कम्प्यूटर भाई का जवाब नहीं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अपनी उमर के अनुरूप बहुत सुन्दर रचना लिखी है।बधाई।
Bahut badhiya likha hai Sagar...age bhee likhate rahhiye.
HemantKumar
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