सोमवार, 8 जून 2009

कविता: गर्मी का मौसम

गर्मी का मौसम
गर्मी का मौसम है आया।
शरीर पसीने से है थरार्या
दोपहर में बड़ी जोर।
चलती है लू घनघोर॥
धूल मिट्टी सर-सर कर।
जाती है अपने घर॥
दोपहर को कड़ी धूप में
बाहर जाता हूँ मुश्किल में॥
ठंढे पानी में मजा है आता।
गर्मी को है दूर भगाता॥
गर्मी का मौसम है आया।
शरीर पसीने से है थरार्या॥
कविता: अक्षय कुमार, कक्षा , अपना घर

1 टिप्पणी:

निर्मला कपिला ने कहा…

bahut achhee kavitaa hai hamaare dehs me bahut pratibhaayen hain jinhen manch nahin milta ye ek achha prayaas hai bachon ki rachnaaon ko prakashit karne kaa shubhkaamnayen