गुरुवार, 15 जून 2023

कविता :"रिजल्ट "

"रिजल्ट "
 सोच सोचकर था मै परेशान | 
जिसका था वर्षों से इंतजार 
न  गुजर रहा था सुबह और शाम|  
इधर उधर को भटकते रहते 
एक जगह ना मैं चैन  से बैठता | 
हर  पल रिजल्ट की याद आता 
हर लोग के सवाल से लड़ते | 
सुबह शाम एक ही बाते सुनने को मिलता 
कवि :सार्थक कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

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