शनिवार, 26 जून 2021

कविता :" मौसम से क्या है कहना "

" मौसम से क्या  है कहना "

मौसम से क्या  है कहना | 

जो हरदिन बदल जाए ,

उगते हुए सूरज को भी |

इन काले बादलों से ढ़क जाये ,

 बादलों से कुछ बुँदे वर्षा दे | 

सूखे पेड़ और फसलों का मुस्कान लौटा दे,

जरा इन बादलों  से कुछ बुँदे गिरा दे | 

सूखे  नदिया और झरनो को तू ,

फिर से पुनर्जिवित करवा  दे | 

 जरा इन बदलो से कुछ बुँदे वर्षा दे,

इन सूखते हुए पेड़ो को हरित बना दे | 

 जरा इन बदलो से कुछ बुँदे वर्षा दे,

बंजर सी जमीन का प्यास तो मिटा दे | 

कवि :- सनी कुमार ,कक्षा :7th 

"अपना घर "

 

 


 

कोई टिप्पणी नहीं: