मंगलवार, 15 जून 2021

कविता : " मौसम का क्या कहना "

 " मौसम का क्या कहना "

 मौसम का क्या कहना | 

जो हसी -खुशी का महौल बना दे,

सूखने लँगे सारे पेड़ -पौधे | 

अब तो बादलो से कुछ बूद गिरा दे,

मौसम का क्या कहना | 

जो अंधकार को उजाले में बदल दे,

चारो तरफ है अंधेरा ही अंधेरा | 

अब तो अंधेरे -अंधेरे में दीपक जला दे,

जो हर एक चेहरे पर मुस्कान दिला दे | 

रूठे  है लोग तुझसे ,

अब तो गर्मी को सर्दी में बदल दे | 

जो चाँदनी रात में तारे दिखा दे ,

लोग इंतजार करते है तेरा | 

अब तो फूलो से बगिया महका दे,

कवि :रविकिशन कुमार  ,कक्षा :12 

अपना घर

कोई टिप्पणी नहीं: