शनिवार, 21 सितंबर 2019

कविता : हिंदुस्तान से ही हिंदी

" हिंदुस्तान से ही हिंदी "

हिन्द देश के निवासी हैं हम सभी,
जहाँ हिंदी बोलते हैं हम सभी |
चाहे हो बंगाली , या फिर गुजराती
हिंदी हमें इतना ही बतलाती |
ये सारी भाषाएँ भी हिंदी ही कहलाती |
हिंदी से ही हिंदुस्तान बना है,
हिंदुस्तान से ही हिंदी |
दोनों ही एक दूसरे से बने हैं,
एक दूसरे के ही साथ चलते हैं  |

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और बहुत सी कवितायेँ भी लिख चुके हैं | समीर एक हसमुख लड़का है जो की हमेशा अपने पढ़ाई के पीछे सीरियस रहता है | | समीर एक सिंगर बनना चाहतें हैं |  

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