" सुहाना मौसम "
यह सुहाना सा मौसम,
करता है दिल को रौशन |
ठण्डी हवाओं का झोका,
जो बनाता मन को अनोखा |
खुशबू से भरा आसमां,
जो करते मन को खुशनुमा |
हर पल जब यह बीतता,
कुछ न कुछ उन पलों से सीखता |
यह सुहाना सा मौसम,
करता है दिल को रौशन |
कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
1 टिप्पणी:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (25-09-2019) को "होगा दूर कलंक" (चर्चा अंक- 3469) पर भी होगी। --
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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