" हिंदी है हमारी शान "
हिन्द देश के हैं हम वासी,
हिंदी ही है हमारी साथी |
हर पल है कंठ पर रहना,
जो सोचूँ वो स्पष्ट कराती |
साथ - साथ है इसके चलना,
जब तक हमें है बढ़ते रहना |
मात्रा भाषा है यह कहलाती,
हिन्दी सांस्कृतिक हमें सिखाती |
जब तक है हम में जान,
न भूलेंगें हम हिंदी की शान |
हिन्द देश के हैं हम वासी,
हिंदी ही है हमारी साथी |
कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के निवासी हैं | अपना घर नामक संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | कुलदीप पढ़लिखकर एक नेवी ऑफिसर बनना चाहते हैं | कुलदीप को कवितायेँ लिखने के आलावा डांस करना बहुत पसंद है |
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