" माँ "
माँ तू कितनी प्यारी है,
दुनियाँ में सबसे न्यारी है |
तेरे बिना सारा जीवन अधूरा है,
माँ तू कितनी प्यारी है |
रोते को हँसना सिखाती है,
गिरते को चलना बताती है |
नई नई बात बताती,
अपनी अंचल में सुलाती |
दुःख से लड़ना सिखाती,
उँगली पकड़ राह दिखती |
माँ तू कितनी प्यारी है,
दुनियाँ में सबसे न्यारी है |
नाम : सार्थक कुमार , कक्षा : 9th अपना घर
कवि परिचय : यह कविता सार्थक के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के निवासी हैं | सार्थक को कहीं भी घूमना और लोगों से बात करना बहुत अच्छा लगता है | सार्थक आर्मी में जाना चाहते हैं | खेलने के आलावा कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है |
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