" आज मैंने ये जाना है "
आज मैंने ये जाना है,
ये तो सिर्फ एक बहाना है |
सबको पैसा ही बस खाना है,
मुझे बताओ कहाँ अब जाना है |
ये पैसा ही सिर्फ बहाना है,
बस सबको बड़ा ही बनना है |
मुझे तुमसे बस इतना ही कहना है,
ये जवाना ही बस बहाना है |
बस पैसा ही इनको खाना है | |
नाम : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के निवासी हैं और अपना घर संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और बहुत सी कवितायेँ लिखते भी हैं | इसके अलावा क्रिकेट खेलना भी बहुत पसन्द है |
नाम : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के निवासी हैं और अपना घर संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और बहुत सी कवितायेँ लिखते भी हैं | इसके अलावा क्रिकेट खेलना भी बहुत पसन्द है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें