गर्मियों की छुट्टियों का ख़त्म हुआ जमाना,
सब कुछ भूलकर अब स्कूल है जाना |
बच्चे करते पढाई आधा,
पढ़ते कम खेलते है ज्यादा|
दिन भर मस्ती मन में गस्ती,
गुस्से में लड़ाई बाद में दोस्ती |
पढ़ो लिखो खेलो औरखाओ
दिन भर पढ़ो और मौज उड़ाओ |
क्या कहे अब ये नादान
इन्हीं को बनना है महान |
अपना घर
हॉस्टल
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