सोमवार, 26 जून 2017

"आशाओं का सूरज निकल रहा हैं  "

आशाओं का सूरज निकल रहा है ,
कामयाबी रास्ते खुल रहें है | 
मंजिल तो  हमारी हो नहीं सकती दूर ,
क्योंकि हमारी सोच बदल रही है | 

हमारी रफ़्तार बदल रहे है ,
हवाओ के जैसे हम चल रहे है | 
अब जल्द ही बदलेगा जहा ,
क्योकि हम बदल रहे है | 
हर बच्चो की ज्ञान देना ,
ये तो माँ -बाप का धर्म बन चुका है | 
उनके जिंदगी  को सवारना ,
ये तो कर्म बन चुका है | 


      नाम =देवा ,class 7th
        अपना घर 

कोई टिप्पणी नहीं: