" राही "
वो राही अब तू क्या,
पथ अपना खो गया |
या फिर तू हार कर,
कही अँधेरे में सो गया |
वो राही अब तू क्या,
पथ अपना खो गया |
मत छोड़ तू अपना लक्ष्य,
चलते रहना लगातार तुम बस |
वो अब सुहाना दिन गया,
वो रही तू क्या पथ अपना खो गया |
कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर
कवि परिचय : बिहार के रहने वाले देवराज | आजकल कविताओं के बादशाह माने जाते है | ये हमेशा कुछ नई सोच के साथ अपनी कविताओं को ख़ूबसूरत बनाते है | ये क्रिकेट खेल में भी माहिर है| ए बी डिविलियर्स इनके बेस्ट खिलाडी है | इनको डांस करना बेहद पसंद है | उम्मीद है की ये हमेशा नई सोच के साथ अपनी कविता को लिखेगें |
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