"कोशिश "
अपने मंजिल को पाने के लिए,
हर तरह की होती है कोशिश |
रास्ते चलते -चलते गिर जाओ,
उठकर भी चल न पाओ |
फिर भी मंजिल को पाने की,
हर तरह की होती है कोशिश |
जिंदगी में एक सही स्थान पर,
जाना होता है जरूरी |
तभी तो समाज में कहेंगे ,
कोशिश होती है जरूरी |
कवि : विक्रम कुमार ,कक्षा ; 7th अपनाघर हॉस्टल
कवि परिचय : इनका नाम विक्रम है | ये कविताओं को नरम हाथों से लिखकर उसमें जान फूक देते है | इनको रेस करना बहुत पसंद है | शांत स्वभाव के विक्रम कुमार हमेशा अपने चेहरे में ख़ुशी रखना पसंद करते है | हमेशा नई जानकारी को पाने की कोशिश करते रहते है | इनको एक्टिंग करना पसंद है |
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