" बच्चे "
बच्चे ही जाने ममता का प्यार,
बच्चे ही जाने मां का संसार |
हर पल मां रखती हैं ध्यान,
बच्चे ही समझे मां हैं भगवान|
बच्चें है भविष्य यहाँ के,
बच्चे सजायगें भविष्य यहाँ पे|
बच्चों की कोई बात नहीं ,
खेलते और शरारत करतें
यही उनकी आदत है बनती |
कवि : नितीश कुमार ,कक्षा : 7th ,अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं नितीश कुमार | ये बिहार राज्य के प्रवासी मजदूर का बेटा है | अपनी पढाई पूरी करने के लिए अपना घर हॉस्टल में रहते है | इनको कविता लिखने का बहुत शौक है| कक्षा 7th के छात्र हैं | नितीश फूटबाल के दीवाने है | लिओन मेसी के फैन है | नितीश को डांस करना बहुत पसंद है| हमें उम्मीद है कि आपको नितीश की रचनाएँ पसंंद आएँगी
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