"होली"
होली आया होली आया,
साथ में रंगों की गोली लाया |
दुश्मनी भूल हाथ मिलाया,
दुश्मनी को दूर भगाया |
जिन्दगी में खुशियाँ लाया,
दोस्तों को जलवा दिखाया|
अबीर लगा गले मिलाया,
रंगों के साथ खुद को भिगोया|
होली आया होली आया,
सबके दिल को बहलाया|
कवि: कामता, कक्षा 5th, कानपुर
कामता (KAMTA) "अपना
घर" परिवार के सदस्य है। ये बिहार के नवादा जिले के रहने वाले है।
इनका परिवार ईट भठ्ठों में प्रवासी मजदूर का कार्य करते है. कामता यंहा
"आशा ट्रस्ट" के कानपुर केंद्र "अपना घर" में रहकर, शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वर्तमान में ये कक्षा 5th के
छात्र है। कामता को कविता लिखने में बहुत रूचि नहीं है, पर कभी-कभी लिख देते है। भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत बड़े फैन है | किताबें से बहुत दोस्ती है उनके बीच रहना अच्छा लगता है. हमें
उम्मीद है कि आपको इनकी होली पर लिखी कविता पसंद आएगी |
10 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार ०६ नवंबर २०१७ को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
सुंदर संदेश देती आपकी कविता कामता,खूब सारा आशीष एवं शुभकामनाएँ मेरी।
बहुत सुन्दर संदेश है आपकी कविता में .बहुत सारे स्नेह के साथ ढेर सारी आशीष .
होली पर्व पर रंग खेलने के अवसर का बहुत सजीव चित्रण किया आपने कामता ! इसी तरह लिखते रहिये ! अभ्यास से भाषा और निखरेगी ! हार्दिक शुभकामनाएं !
लाजवाब ! बहुत सुंदर ! ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ ।
सम्पूर्ण सत्ताएं एक ही परम सत्ता और सम्पूर्ण भाव एक ही परम भाव के अंतर्भूत है. उन परम भावों का प्रादुर्भाव बालपन के उर्वरा प्रांगण में होता है. इसी बात को महाकवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने कहा " Child is the father of man " और इसी बात को प्रमाणित किया है आपने अपनी इस रचना में!!! बधाई, आभार और शुभकामनाएं कि सृष्टि के आप सरीखे नव प्रसूनों के सुवास से साहित्य का आंगन सर्वत्र और सर्वदा सुरभित होते रहे!!!! यूँ ही लिखते रहें , सीखते रहें और साहित्याकाश में दीखते रहें !!!!
वाह !!कामता ,बहुत सुंदर होली का चित्रण किया आपने ।सस्नेह आशीष ।
बहुत सुंदर दोस्त। क्या बात है। ख़ूब लिखो
सुन्दर रचना, सुन्दर प्रयास....
बहुत शुभकामनाएं..
बहुत सुंदर ढ़ेरों आशीष एवं शुभकामनाएँ
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