(कुदरत )
कुदरत का क्या कसूर
जिसमे दुनिया बाना डाला
इंसान ने तो मिलकर
इसको ही उजाड़ डाला
भ्रष्टाचार बढ़ता ग्या
दुनिया को नष्ट करता गया
फिर भी यह न संभाला
पर रुकने की वजह
आगे बढ़ता ग्या
अब भी इसे बचा सकते है
भ्रष्टाचार को मिटा सकते है
यह दुनिया से मुफ्त होकर
चैन की साँस ले सकते हैं
प्रन्जुल कुमार
कक्षा - ६
(अपना घर ,कानपुर )
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