दुनिया
मै इस दुनिया तब
कुशी उत्सव कब मनाया तब
हर राह पर हर मोड़ पर
माँ-बाप ने कुशी और दुखी
का दर्द उठाया तब
उससे दुनिया का पथ दिखाया तब
माँ -बाप ने हर बोझ का कष्ट उठाया
तब भी मैनेनहीं माँ का आचल
तुकराया मैंने तब भी माँ बाप ने
अपनाया माँ ने
विक्रम कुमार
कक्षा -६
अपना घर
कानपुर
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