जो सोच नहीं सकते
उसे हम कैसे सोचे
कोई बताए हम क्या
उसको कैसे मदद करे
कोइ बताये हम क्या करे
जो चलते है हाथ पीछे हटाये
उसको कैसे मिलाअ
कोइ तो बताए हम क्या करे
नितीश कुमार
कक्षा -५
अपना घर , कानपुर
4 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी कविता !
अंकल मैं भी कक्षा पांच में पढ़ता हूँ, क्या मैं भी यहाँ अपनी कविता पोस्ट कर सकता हूँ ?
जी हां आप इस अपनी कविता पोस्ट कर सकते हो /
शाश्वत मै भी आपके ही उम्र का हूँ . मै नितीश हूँ मै भी कक्षा 5 में पढता हूँ. ये ब्लाग मै और मेरे दोस्त मिलकर चलाते है. इस ब्लाग पर हम बच्चों की मौलिक स्व रचित रचनाये प्रकाशित करते है.. आप भी इसका हिस्सा हो सकते है. कृपया इस मेल पर apnagharknp@gmail.com पर अपनी कविता/कहानी/पेंटिंग भेज दे हम उसे ब्लाग पर जरुरु प्रकाशित करेंगे .. धन्यवाद
नितीश कुमार
संपादक
बाल सजग
waah !
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