कविता :- इंसान
इस इन्सान को कड़ी धूप में....
निकलना मुस्किल पड़ता है,
बस इन्सान को ऐसी और....
कूलर में सोने का मन करता है,
इस कड़ी धूप को तो....
किसान ही सह सकता है,
जिसे न तो कूलर की....
हवा नसीब होती है,
जिसे कूलर और ऐसी की....
हवा नसीब होती है,
उस इंसान से जाकर पूछो....
क्या बाहर की धूप को,
झेलना आसान होता है....
नाम :जीतेन्द्र कुमार
कक्षा : 9
अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें