चले गए चन्द्रमा के संग
चम चम करता चमक उठा यह चन्द्रमा....
फैल गए तारे अम्बर के आंगन में,
ये देख न रहा गया पवन से....
शुरू कर दिया उसने आवागमन,
इतने में मेघनाथ को आया स्वप्न....
उनसे रहा न गया शांत,
अम्बर के आंगन में कर दिया कीचड़ का भण्डार....
चमक रहे थे जो तारे,
चले गए चन्द्रमा के संग....
नाम : अशोक कुमार
कक्षा :10
अपना घर
1 टिप्पणी:
bahut accche bete
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