चार संभावनाओं का होता है जीवन
पहले तो जिन्दगी पुस्तकों में गुजरती है....
आगे कैसे गुजरेगी,
यह किसी को पता ही नहीं है....
या नीर कमल के पखों पर,
या फिर मिट्टी के तट पर....
या पैसे और स्त्री के संग,
होते है अपने बीबी बच्चों के संग....
रहते है मां बाप के संग,
या जोगी और सन्यासियों के संग....
नरेन्द्र हमारे आदर्श होंगे,
जोगी सन्यासी होकर....
भारत भ्रमण में होंगे,
नरेन्द्र हमारे आदर्श होंगे....
हम सागर के तट पर होंगे,
नाम :अशोक कुमार
कक्षा :9
अपना घर
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