भ्रष्टाचारी संसार
जिन्दगी की राहों में....
आँखों की पलकों और निगाहों में,
दुःख सुख ही क्यों होता है....
स्वर्ग क्यों नहीं होता है,
इस भ्रष्टाचार के संसार में....
पहले बेटा बाद में पिता क्यों होता है,
पहले बेटा बाद में नाती होता है....
नाम :हंसराज कुमार
कक्षा :8
अपना घर
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