सहारा
इस काले अंधेरे में....
हमें उजाला चाहिए,
आये हुए पतझड़ में....
हमें सहारा चाहिए,
इस तरह अनगिनत....
हममें से निकलते रहेगें,
और कुछ इसी तरह....
इस दुख को सहेगें,
बस इसी तरह....
गर मिलता रहा सहारा,
तो हम ये लेते है प्रण....
जल्द ही दूर हो जायेगा,
ये अशिक्षा का पारा....
नाम :सोनू कुमार
कक्षा :10
अपना घर
1 टिप्पणी:
bahut acche
shabash
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