गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

कविता : मन

मन
मन क्यों मचलता है,
जाने किधर चलता है .....
हर समय ये मन,
कुछ न कुछ करता है .......
जहाँ कहीं कुछ होता ख़ास ,
मन करता जाने को पास .....
जहाँ पुराना कुछ भी देखें ,
मन न जाने क्यों होता उदास ......
मन हमेशा कहता है ,
सबसे अलग कुछ करने को .......
मगर ये आलस कहता है,
बस करो अब रहने दो ......
मन क्यों मचलता है ,
जाने किधर चलता है ......
हर समय ये मन ,
कुछ न कुछ करता है  ......

लेखक : सोनू कुमार 
कक्षा : 10 
अपना घर 

1 टिप्पणी:

Pallavi saxena ने कहा…

man ka kya hai man to chanchal hota hai :-)