कविता -तारे और सितारे
रात में तारे ,
दिन में सितारे.....
कहाँ से आते हैं ,
कौन हैं इनको लाते.....
यदि पता चले हमको ,
तारे सितारे तोड़ के बांटू सबको.......
चाहे दिन हो या हो रात ,
न करने देगे चंदा सूरज से बात......
जब मन करेगा तब उनको निकालेगे,
जहाँ अँधेरा होगा वहां उजाला कर देगे......
लेखक - आशीष कुमार
कक्षा - ९ अपना घर, कानपुर
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