कविता - बात
एक बार की बात हैं ,
यह बात कुछ खास हैं....
जब भी आती हैं ठण्डी ,
तो कपड़ो की लग जाती हैं मंदी ....
अगर ठण्डी से सबको बचना ,
तो मोटे कपड़ो से तन हैं ढकना.....
एक बार की बात हैं ,
यह बात कुछ खास हैं......
एक बार की बात हैं ,
यह बात कुछ खास हैं....
जब भी आती हैं ठण्डी ,
तो कपड़ो की लग जाती हैं मंदी ....
अगर ठण्डी से सबको बचना ,
तो मोटे कपड़ो से तन हैं ढकना.....
एक बार की बात हैं ,
यह बात कुछ खास हैं......
लेखक - ज्ञान कुमार
कक्षा - ८ अपना घर ,कानपुर
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